एकान्तता की इच्छा करते हैं ?



मैं आँधी के झोंकों और तूफान से बचकर अपने शरणस्थान में भाग जाता। भजन 55:8

इन दिनों सामाजिक दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है; लेकिन, एकान्तता (सामाजिक अलगाव) के बारे में आपका क्या विचार है? इस भजन में दाऊद सम्पूर्ण रीति से एक सिद्ध जीवन जीने की इच्छा ज़ाहिर करता है। क्या कभी आपने भी इस दुनिया की समस्याओं से दूर भागने की इच्छा की है? नफरत, भ्रष्टाचार, स्वार्थता और ऐसे कई नकारात्मक बातों से परेशान होकर आपने भी कभी ऐसा ज़रूर सोचा होगा?

एक बार उस पर्वत पर, जहाँ प्रभु यीशु का रूपान्तर हुआ था, वहाँ पतरस ने प्रभु यीशु से कहा, "हमारे लिए यहाँ रहना अच्छा है; मैं यहाँ तीन मण्डप बनाऊँ"। परन्तु अंत में, उन्हें नीचे आना पड़ा (मत्ती 17:1-9)।

हम इस पृथ्वी पर भेड़ियों के बीच भेड़ के समान हैं; लेकिन परमेश्वर हमसे यह आशा रखते हैं कि हम सर्प के समान चतुर और कबूतरों के समान भोले बनें। लेकिन परीक्षाएँ और सताव भी होते रहेंगे (मत्ती 10:16-19)।

सामाजिक अलगाव, सामाजिक असहमति का समाधान नहीं है। समाज में रहने वाले धर्मी लोगों के जीवन से ही सामाजिक समानता होती है।

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, मुझे सामाजिक अलगाव की इच्छा न करते हुए समाज में अपने जीवन के द्वारा आपको प्रकट करने में मेरी मदद कीजिए। आमीन!

(translated from English to Hindi by Sheeba Robinson)

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