एक भी नहीं, जो भलाई करता हो !



वे सब के सब भटक गए हैं, सब ही भ्रष्ट हो गए हैं; कोई भी नहीं जो भलाई करता हो, एक भी नहीं! भजन 53:3

हाल ही में, परिवार समेत, हम भारत के दूसरे राज्य में चले गए। जैसे ही हम उस स्थान पर पहुँचे, स्थानीय सरकार ने हममें से प्रत्येक पर एक मुहर लगा दी: 'संस्थागत संगरोध'! अगले दिन, उन्होंने हमारे ऊपर दूसरी मुहर लगाई, 'गृह संगरोध',  क्योंकि हमारे पास एक छोटा बच्चा था इसलिए हमें घर भेज दिया!

क्या आप "खराब" ऐसा मुहर अपने ऊपर लगाना चाहेंगे? लेकिन यही वो सच्चाई थी, जिस के बारे में भजन 53:3 में बताया गया है। परन्तु प्रभु यीशु ने अपने ऊपर 'खराब' की मुहर ले लिया और उसे बदलकर 'धर्मी' का नया मुहर हमारे ऊपर लगा दिया (2 कुरि 5:21)।

कभी-भी किसी पर ‘खराब’ मुहर न लगाएँ, जिस पर परमेश्वर ने पहले ही 'धर्मी' की मुहर लगा दी है।

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, मेरी मदद करना कि मैं कभी-भी शैतान के इस झूठ पर विश्वास न करुँ कि 'मैं अच्छा नहीं हूँ'। आमीन!

(translated from English to Hindi by Sheeba Robinson)

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