भयभीत हैं या नहीं ?


जब मुझे डर लगेगा, मैं अपना भरोसा तुझ पर रखूँगा। परमेश्वर जिसके वचन की मैं स्तुति-प्रशंसा करता हूँ, उसी परमेश्वर पर मैंने भरोसा रखा है: मैं न डरूँगा। मनुष्य मेरा क्या बिगाड़ सकता है? भजन 56:3-4

'हाँ या ना'! शायद हमारे सामने आने वाले सवालों के जवाब हम कुछ ऐसे देना चाहेंगे। यहाँ दाऊद कहता है, 'मैं डरता हूँ' और 'मैं डरता नहीं हूँ'! क्या एक ही समय में ये दोनों कथन सही हो सकते हैं?

साधारण रूप से, मेरा मानना ​​है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारा भरोसा कहाँ है। दूसरे शब्दों में, जब हमारा भरोसा परमेश्वर पर है, तो हम भयभीत नहीं हो सकते।

इस दुनिया में रहते समय हमारे जीवन में बहुत-से विपरीत प्रकार के अनुभवों, जैसे शोक और आनन्द, के मिश्रण होंगे (यूहन्ना 16:22)। केवल परमेश्वर पर ही भरोसा रखते हुए हम इन सभी अवस्थाओं को आसानी से संभाल सकते हैं। परन्तु एक दिन आ रहा है जब कोई शोक, विलाप और पीड़ा न रहेगी (प्रकाश 21:4)।

चाहे आप भयभीत हों या निडर हों, हमेशा परमेश्वर पर ही अपना भरोसा रखें।

प्रार्थना: प्यारे प्रभु जी, कृपया मुझे अपने जीवन की सभी परिस्थितियों में केवल आप पर ही भरोसा रखने में मेरी मदद कीजिए। आमीन!

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